संपादकीय

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👉🏿 गूंगा वह नहीं, जो बोलता नहीं!
गूंगा वह है ,जो सच्च नहीं बोलता!!

👉🏿मैं कि झूठ बोलिया ?

👉🏿आवारा मवेशियों का सड़कों पर झुंडों में घूमना : दुर्घटनाओं का मुख्य कारण

👉🏿आवारा जानवरों के कारण आये दिन : लोगों की जा रही हैं : जानें

👉🏿आखिर जिम्मेदार कौन ? जरा सोचिए :::::::

✍🏿 आजकल सड़कों पर आवारा जानवर (मुख्यतः मवेशी) यातायात के लिए एक बड़ा खतरा है। आये दिन सङक दुर्घटनाएँ हो रही हैं। लोगों की कीमती जाने जा रही हैं।साथ ही पशुधन की भी हानि हो रही है। ये न केवल राहगीरों, आम नागरिकों बूढो एवं बच्चो के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं, बल्कि सङक यातायात को बाधित भी करते हैं एवं बारिश के दौरान यह समस्या और भी बढ़ जाती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना और उन्हें देखभाल प्रदान करना आवश्यक है। जानलेवा दुर्घटनाएँ := आवारा मवेशी अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जिससे वाहन चालक संतुलन खो देते हैं और दुर्घटनाएँ होती हैं। मानव जीवन की हानि: मवेशियों के कारण हुई दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत हो जाती है और वे घायल भी हो जाते हैं। यातायात में बाधा:= सड़कों पर मवेशियों का झुंड यातायात को धीमा कर देता है या पूरी तरह रोक देता है। पशुधन की हानि:= दुर्घटनाओं में पशु भी घायल होते हैं या मारे जाते हैं। समस्या का समाधान := आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना: पशुओं को सड़क से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर रखना चाहिए जहाँ उन्हें भोजन, पानी और आवास मिल सके।जागरूकता अभियान:= लोगों को आवारा पशुओं को न छेड़ने और उनका सम्मान करने के बारे में शिक्षित करना चाहिए। संस्थाओं का सहयोग:= धार्मिक, समाजिक संगठनों एवं दानी सज्जनों के द्वारा आवारा पशुओं को भोजन, पानी, आवास और इलाज प्रदान करके अधिक से अधिक सहयोग देना चाहिए। नगर निगम/प्रशासनिक कार्रवाई: स्थानीय प्रशासन को सड़कों पर से आवारा पशुओं को हटाने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। नियमित पशुधन सर्वेक्षण:= आवारा पशुओं की संख्या का पता लगाने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए नियमित सर्वेक्षण आवश्यक हैं। बुद्धिजीवी वर्ग के अनुभव के अनुसार सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को कांजी हाऊस या गोशालाओं में संभालना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा जो काऊ टैक्स जनता से वसूला जा रहा है उसका उचित उपयोग करके पशुधन को संभालने से काफी हद तक दुर्घटनाओं से निजात पा सकते है एवं कीमती जानें बच सकती हैं। इस समस्या के बारे आप भी सोचें, कि जिम्मेदार कौन?

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