मनरेगा के नाम पर फिर एक बार देश को गुमराह करने की साजिश हो रही है। भ्रम फैलाए जा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि विकसित भारत: जी राम जी योजना मनरेगा के आगे का कदम है।
मजदूर भाइयों, अब 100 नहीं, बल्कि 125 दिनों के काम की कानूनी गारंटी है। काम न मिलने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ते के प्रावधान को और सशक्त बनाया गया है। मजदूरी अगर देर से मिली तो अतिरिक्त राशि देने का भी प्रावधान किया गया है।
इस योजना के लिए इसी साल ₹1,51,282 करोड़ से अधिक की विशाल धनराशि प्रस्तावित है, ताकि रोजगार देने के लिए पर्याप्त पैसा हो, और उस पैसे से गांव का सम्पूर्ण विकास हो सके। विकसित भारत के लिए विकसित गांव, स्वावलंबी गांव और गरीबी मुक्त – रोजगार युक्त गांव बनाने के लिए जल संरक्षण, गांव में इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम, आजीविका मूलक गतिविधियों तथा प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के काम हाथ में लिए जाएंगे।
125 दिन के रोजगार की गारंटी के साथ कृषि कार्य के समय छोटे-छोटे किसान भाई-बहनों को दिक्कत न हो, इसके लिए भी प्रावधान किया गया है। यह कानून गरीब के हक में है, विकास के हक में है और यह कानून मजदूरों को रोजगार देने की पूरी गारंटी है। यह विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित गांव का संकल्प पूरा करता है।
इसमें एक और विशेष प्रावधान किया गया है, प्रशासनिक व्यय 6% से बढ़ाकर 9% कर दिया गया है। अगर प्रस्तावित राशि ₹1,51,282 करोड़ में 9% निकाल लें तो लगभग ₹13,000 करोड़ होता है, इस राशि से काम कराने वाले हमारे साथी – पंचायत सचिव, रोजगार सहायक सहित टेक्निकल स्टाफ को समय पर पर्याप्त वेतन मिलेगा, ताकि वे पूरी क्षमता से कार्य करा सकें

