ग्रामीणों की पुल निर्माण की माँग को पूरा करेंगे : डॉ. मुरुगन

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सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन दो दिवसीय पंजाब दौरे पर

डॉ. मुरुगन ने पंजाब के रूपनगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का लिया जायजा

किसानों और ग्रामीणों से संवाद करके हर संभव मदद की जाएगी : डॉ. मुरुगन

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर बाढ़ की स्थिति का आकलन कर रही हैं उच्चस्तरीय टीमें

ग्रामीणों की पुल निर्माण की माँग को पूरा करेंगे : डॉ. मुरुगन

रूपनगर, 13 सितम्बर 2025:( एसके सक्सैना)

सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने आज पंजाब के रूपनगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक दौरा कर स्थिति का गहराई से अवलोकन किया। उन्होंने शाहपुर बेला, हरीवाल, भानुपाली, बेला ध्यानी, नंगल सहित अनेक गाँवों का दौरा कर किसानों, ग्रामीणों, स्थानीय नागरिकों और प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद किया। बाढ़ की वजह से कृषि, परिवहन, जलनिकासी और दैनिक जीवन पर पड़े प्रभाव का उन्होंने स्थल पर पानी में पैदल चलकर व ट्रैक्टर और नाव पर जाकर निरीक्षण किया तथा प्रभावित परिवारों की समस्याएँ सुनीं।

डॉ. मुरुगन ने किसानों के खेतों में जाकर फसल क्षति का निरीक्षण किया। उन्होंने मक्का, धान सहित अन्य फसलों के नुकसान का जायजा लिया, साथ ही जलभराव और सिल्ट जमा होने से हुई कठिनाइयों का भी अवलोकन किया। किसानों ने उन्हें बताया कि खेतों में पानी भर जाने से खेती प्रभावित हो रही है, सिंचाई व्यवस्था बाधित हुई है और मुख्य मार्गों के कट जाने से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो रही है। किसानों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि समय पर राहत कार्य नहीं किए गए तो अगली फसल पर भी संकट आ सकता है।

डॉ. मुरुगन ने उनकी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और कहा, “आपकी कठिनाइयाँ हमारी प्राथमिकता हैं। केंद्र सरकार आपके साथ खड़ी है। हम स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर आवश्यक कदम उठाएँगे ताकि राहत कार्यों में कोई बाधा न आए। हम हर संभव सहायता प्रदान करेंगे ताकि आप जल्द सामान्य जीवन में लौट सकें।”

ग्रामीणों ने डॉ. मुरुगन से अनुरोध किया कि गाँवों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए एक मजबूत पुल का निर्माण कराया जाए ताकि भविष्य में आपदा की स्थिति में आवागमन प्रभावित न हो। उन्होंने बताया कि रास्ते कट जाने से न केवल कृषि कार्य बाधित हो रहे हैं, बल्कि चिकित्सा सहायता, आवश्यक आपूर्ति और रोज़मर्रा की सेवाएँ भी प्रभावित हो रही हैं। डॉ. मुरुगन ने ग्रामीणों की इस माँग को गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि सरकार आवश्यक प्रक्रियाएँ शुरू कर इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास और दीर्घकालिक समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा को सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर बाढ़ की स्थिति का आकलन उच्चस्तरीय टीमें कर रही हैं। केंद्र सरकार इस कठिन समय में प्रभावित किसानों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। डॉ. मुरुगन ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया ।

डॉ. मुरुगन ने ग्रामीणों द्वारा सेवा कार्यों में दिखाए गए समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि संकट की घड़ी में समाज की एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि आपदा की परिस्थितियों में एक-दूसरे का सहयोग करना समाज की मूल भावना को मजबूत करता है। उन्होंने नंगल स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर का दौरा कर वहाँ हुई बाढ़ क्षति का निरीक्षण किया और आवश्यक मरम्मत कार्यों का आश्वासन दिया। साथ ही, उन्होंने दौरे के दौरान राहत सामग्री का वितरण कर प्रभावित परिवारों से संवाद भी किया।

ग्रामीणों की सेवा भावना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में एकजुट रहना समाज की ताकत है। पुल निर्माण, राहत सामग्री वितरण, चिकित्सा सहायता और आवागमन की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य करेंगी।

उन्होंने अपने संवाद में स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता प्रभावित परिवारों को समय पर मदद उपलब्ध कराना, उनकी समस्याओं को सुनना और दीर्घकालिक समाधान लागू करना है।

शाम को डॉ. मुरुगन ने रूपनगर के उपायुक्त व प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में राहत कार्यों की स्थिति, आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता, चिकित्सा सहायता, राहत सामग्री वितरण, आवागमन व्यवस्था और भविष्य की योजना पर गहन चर्चा की गई। डॉ. मुरुगन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने के लिए उच्चस्तरीय टीमें भेजी हैं। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि प्रभावित परिवारों को समय पर राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर समन्वित प्रयास करेंगी ताकि राहत कार्य प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सके। कोई भी प्रभावित परिवार मदद से वंचित नहीं रहेगा।” टीमों द्वारा तैयार की जा रही रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक सहायता और राहत कार्यों को तेज़ गति से लागू किया जाएगा। साथ ही, दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाओं पर भी काम शुरू किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी आपदा की स्थिति में बेहतर तैयारी की जा सके।

डॉ. मुरुगन ने समीक्षा बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत कार्यों को समय पर लागू किया जाए और आवश्यक संसाधनों की कमी न होने दी जाए। उन्होंने कहा कि राहत सामग्री की वितरण व्यवस्था पारदर्शी हो, चिकित्सा टीमों को प्रभावी ढंग से तैनात किया जाए और किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से सुना जाए। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को नकद सहायता, बीज, खाद, जल निकासी व्यवस्था और अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करेंगी। इसके साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राहत कार्यों की निगरानी समय-समय पर की जाए ताकि योजनाओं का सही लाभ प्रभावित परिवारों तक पहुँचे।

डॉ. मुरुगन ने कहा कि राहत कार्यों के साथ-साथ दीर्घकालिक पुनर्वास योजना पर भी काम किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाए ताकि भविष्य में बाढ़ जैसी आपदा से न्यूनतम नुकसान हो। उन्होंने कहा कि पुल निर्माण, जल निकासी व्यवस्था, सड़क संपर्क, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना आवश्यक है। इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर योजनाएँ लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों की निरंतर समीक्षा की जाएगी और समय-समय पर स्थिति का जायजा लिया जाएगा ताकि प्रभावित लोगों तक हर संभव मदद पहुँचे।

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