आगरा। जूते पर 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी करने पर घरेलू जूते से मिलने वाला राजस्व बढ़ने के बजाय कम हो गया। 6401 से 6405 तक की पांचों क्लासीफिकेशन में 1085 व्यापारियों ने अपना पंजीकरण रद्ध करा लिया। इससे बड़ा और क्या सबूत चाहिए केन्द्र सरकार को कि 12 प्रतिशत जीएसटी होने से आगरा का घरेलू जूता व्यापार दम तोड़ रहा है। घरेलू जूते से जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर फिर 5 प्रतिशत कर दी जाए तो आगरा के जूता व्यापार को आक्सीजन मिल जाए। द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने आज जयपुर हाउस स्थित श्रीराम पार्क में आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के नेतृत्व में अखिल भारतीय संयुक्त जूता संघ, सोल, कम्पोनेंट व फोम एसोसिएशन द्वारा आयोजित महासभा में कही, जहां आज आगरा सहित देश के विभिन्न प्रांतों के हजारों जूता व्यापारी एक मंच पर मौजूद थे। विजय सामा ने कहा कि हम सब एक साथ इसलिए इकट्ठे हुए हैं कि हमारे साथ धोखा हुआ है। सरकार ने जूते पर जीएसटी लगाते वक्त आश्वासन दिया था कि जो जीएसटी कपड़े पर लगेगी वहीं जूते पर लगाई जाएगी। भारत में घरेलू जूते की लगभग 65 प्रतिशत आपूर्ति आगरा करता था, जो घटकर 50 प्रतिशत से भी कम हो गई है। जूता बुनाई संघ की महिलाएं घर-घर चौका बर्तन कर रही हैं, युवा पलायन कर रहे हैं। कहा कि अपनी मांग को पूरी कराए बगैर चेन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने बीआईएस व हाल ही में नगर निगम द्वारा जूते की कतरन पर लगाए गए टैक्स का भी विरोध करते हुए कहा कि आगरा के जूता व्यापार पर टैक्स बढ़-बढ़ा कर हमसे हमारी रोटी छीनी जा रही है। दिल्ली एसोसिएशन के अंकित अरोड़ा ने कहा कि 12 प्रतिशत जीएसटी के जरिए सरकार हमें दबाने का प्रयास कर रही है। मदुरई से जय कुमार ने जीएसटी कम करने की मांग रखी। जयपुर एसोसिएशन के राजकुमार आसवानी ने कहा कि हमारी मांग न मानी तो आंदोलन सड़कों पर होगा। सुनील रूपानी व मन्नू रस्तोगी ने कहा कि पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी, फिर कोराना और अब 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी से लगातार जूता उद्योग में गिरावट आ रही है। कार्यक्रम संयोजक अजय महाजन ने संत रैदास से लेकर आज तक के जूता उद्योग का वर्णन करते हुए कहा कि जब भी हमारे व्यापार पर चोट पहुंचेंगी, हम उस बाधा को एकजुट होकर पार करेंगे। कानपुर एसोसिएशन के गुरमीत सिंह व विमल कपूर ने कहा कि सरकार को हमारा सहयोग करना चाहिए अन्यथा समस्याएं और बढ़ती जाएंगी। धर्मेन्द्र सोनी ने छोटी हो बड़ी, सभी ईकाइयों को इस आंदोलन में एक साथ क मंच पर आने का आह्वान किया। आगरा में कच्चे का काम है कि बात कहकर बड़ी कम्पनियां आगरा के जूता उद्योग को बदनाम कर रही हैं। नेशनल चैम्बर के अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने आगरा के सभी उद्यमियों की ओर से सहयोग करने का आश्वासन किया। संचालन अजय महाजन ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मुस्लिम समाज से ताहिर कुरैशी, उस्मान कुरैशी ने मंडोला व ढोलीखार बाजार से सम्मलित होने का वादा किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सचिव नरेन्द्र पुरसनानी, कोषाध्यक्ष दिलप्रीत सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वासु मूलचंदानी, विशेष सलाहकार अजय महाजन, धनश्याम दास रोरा, प्रमोद महाजन, संजय अरोड़ा, अनिल लाल, विजय जटाना, चांद दीवान, श्याम भोजवानी, प्रमोद जैन, सुधीर महाजन, सोल एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद शीतलानी, नेशनल चैम्बर के उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग, सोमदत्त, प्रदीप कुमार पिप्पल, चंद्रवीर सिंह फौजदार, धर्मेन्द्र सोनी आदि उपस्थित थे।
जब हाथों में तख्तियां लेकर सैकड़ों की संख्या में पहुंचे जूता कारीगर…
जब सैकड़ों की संख्या में हाथों में 12 प्रतिशत जीएसटी के विरोध में लिखी तख्तियां लेकर जूता कारीगर महासभा में पहुंचे तो आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। सभी कारीगर व व्यापारी जूता मंडी पर एकत्र हुए और पंचकुईंया से पैदल मार्च करते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। आज सुबह से दोपहर 2 बजे तक आगरा के सभी जूता प्रतिष्ठान व फैक्ट्रियां बंद रहीं। महासभा में दिल्ली, लातूर, कानपुर, लखनऊ, जयपुर, भोपाल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उप्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, आगरा, हरियाणा, आंध्रप्रदेश शू एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभी पदाधिकारियों ने अपने समर्थन पत्र फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा को सौंपे। महासभा में महासभा में द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन, सोल एसोसिएशन, कुटिर उद्योग, ट्रैडर्स, नेशनल चैम्बर, सभी दस्तकार, जाटव महापंचायतों से सभी पदाधिकारियों ने भाग लिया।
भारत माता व बाबा साहेब की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया शुभारम्भ
कार्यक्रम का शुभारम्भ भारत माता, बाबा साबेब भीमराव अम्बेडकर व स्व. राजकुमार सामा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर भारत माता के जयकारों संग आवाज दो हम सब एक हैं…, जब तक सूरज चांद रहेगा, आगरा के जूते का नाम रहेगा… जैसे नारे गूंजने रहे।
रहम रहम करो… नुक्कड़ नाटक में झलकी जूता कारीगरों का पीड़ा
फिल्म थिएटर क्रिएशन द्वारा रहम करो, रहम करो, नाटक के मंचन में 12 प्रतिशत जीएसटी के बीद की कारीगरों की पीड़ा झलक रही थी। कारीगरों के बच्चों की पढ़ाई और मां की दवाई के लिए भी मोहताज बना दिया है 12 प्रतिशत जीएसटी ने। एक और जहां गरीब को जो जूता 200 रुपए में मिल जाता था, अब वह 300 रुपए में मिल रहा है। और दूसरी ओर जूता कारीगरों से काम छिन रहा है। नुक्कड़ नाटक क लेखक व निर्देशक उमाशंकर मिश्र, संयोजक अनिल जैन, अरुण प्रताप सिंह आकांक्षा जादौन, एमएस एकलव्य, जितेन्द्र आदि ने प्रस्तुति दी।