अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने पंजाब से नशे के उन्मूलन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

पंजाब

अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने पंजाब से नशे के उन्मूलन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

– नशा अपने आप घरों में नहीं आया- पिछली सरकारों ने नशा बांटा: केजरीवाल
– लोग अब तस्करों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं, गांव नशा मुक्ति के लिए 100 प्रतिशत प्रयासरत: अरविंद केजरीवाल
– नशे के खिलाफ जंग को जन आंदोलन में बदलने के लिए आगे आएं: मुख्यमंत्री ने लोगों को किया आह्वान
– कहा, राज्य सरकार रंगला पंजाब बनाने के लिए प्रतिबद्ध
– पंजाब और पंजाबियों के हितों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे

नाभा (पटियाला), 25 मई, एसके सक्सेना

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लोगों से नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में शामिल होने और इसे जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया।

यहां आज अग्रवाल सभा द्वारा आयोजित समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे और भ्रष्टाचार के खतरे के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है और यह अभियान लोगों के सक्रिय सहयोग से ही सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों की लड़ाई है, जो आम आदमी के सहयोग के बिना जीती नहीं जा सकती। भगवंत सिंह मान ने लोगों से इस नेक कार्य के लिए दिल से समर्थन देने का आह्वान किया ताकि पंजाब को देश का प्रगतिशील और अग्रणी राज्य बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग को जन आंदोलन में बदलना होगा, जिसके लिए लोगों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों की लड़ाई है और इसका समर्थन करना हर किसी का नैतिक कर्तव्य है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक नशे का अभिशाप पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्करों की संपत्तियों को नष्ट करने के लिए बुलडोजर अभियान को अंतिम नतीजे तक पहुंचाने तक जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कानून के अनुसार की जा रही है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नशे के व्यापार को गहरी चोट पहुंचे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कार्रवाई को और तेज किया जाएगा ताकि राज्य से नशे का पूरी तरह सफाया किया जा सके।

नशे के खिलाफ जंग में लोगों के पूर्ण सहयोग और समर्थन की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे की लानत राज्य के चेहरे पर एक कलंक है और इस लानत को मिटाने के लिए राज्य सरकार को रणनीति बनाने में दो साल से अधिक समय लगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब नशे की आपूर्ति लाइन काट दी गई है और इन घिनौने अपराधों में शामिल बड़े मगरमच्छों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है, नशा पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित किया गया है और यहां तक कि नशा तस्करों की संपत्ति को भी जब्त करके नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ युद्ध के रूप में नशा विरोधी जंग शुरू की है, जिसका उद्देश्य राज्य से नशे को पूरी तरह साफ करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों ने आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत दिया है और अब समय आ गया है कि राज्य के लोगों को प्रगतिशील नीतियों का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि भले ही राजनेताओं ने हमेशा लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की है, लेकिन राज्य के लोगों ने हमेशा ऐसी कोशिशों को नाकाम किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही समाज के हर वर्ग को अपने-अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए भरपूर अवसर प्रदान कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने आखिरी सांस तक पंजाब और पंजाबियों के हितों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने शनिवार को नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री के समक्ष पानी, यमुना सतलुज लिंक (वाई.एस.एल.), भाखड़ा ब्यास प्रबंधकीय बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) की अतिरिक्त लागत, चंडीगढ़ और अन्य मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाया था। उन्होंने कहा कि तीन करोड़ पंजाबियों के हितों के रक्षक होने के नाते यह उनका नैतिक कर्तव्य है और वे हमेशा ऐसा करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही राज्य की विपक्षी ताकतें समाज में फूट डालने की पूरी कोशिश कर रही हैं, लेकिन वे अपने इस बुरे मंसूबे में कभी सफल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक सौहार्द इतना मजबूत है कि पंजाब की उपजाऊ धरती पर कोई भी बीज उग सकता है, लेकिन यहां नफरत का बीज किसी भी कीमत पर कभी नहीं अंकरित होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, संतों और पैगंबरों की पवित्र धरती है, जिन्होंने हमें आपसी प्यार और सहनशीलता का रास्ता दिखाया है।

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